गमले में खाद की सही मात्रा

खाद की सही मात्रा 

दोस्तों खाद दो प्रकार के होते हैं एक ऑर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र और एक केमिकल फ़र्टिलाइज़र ऑर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र से मतलब है जैविक खाद जैविक खाद वह खाद होती है जो कि जीव जंतु के वेस्ट से यानी गोबर से या मल से बनाई जाती है पेड़ पत्तों के डीकंपोस्ट से भी खाद बनती है जो मार्केट में बहुत ही आसानी से उपलब्ध हो जाती है जैविक खाद वह खाद होती है जिसे मनुष्य खुद नहीं बना सकता जो केवल डी कंपोस्ट होकर यानी विघटन से प्राकृतिक विघटन के द्वारा ही बनती है जैसे गोबर की खाद है वह तीन से चार महीने में थी अपना रूप लेती है या पेड़ पत्तो या डालियों से बनी भी खा दें यह भी धीरे-धीरे विघटित होकर सड़के 3 से 4 महीने में अपने आप बन जाती है
खाद की सही मात्रा

खाद की सही मात्रा

खाद की सही मात्रा

दोस्तों मेरे अनुभव से सबसे बढ़िया खाद गाय के गोबर की खाद होती है आप उसे यूज कर सकते हैं जो आसानी से उपलब्ध हो जाती है अगर आपके पास गोबर के उपले हैं तो आप उस से सीधे ही गमले में ना डालें उसे एक नफरत के उसमें रोज थोड़ा थोड़ा पानी डालें धीरे-धीरे गुड्डी कंपोस्ट होकर 3 से 4 मई खाद का रूप ले लेगी हाथ बनी है या नहीं बनी है इस को पहचानने के लिए आप थोड़ा सा हाथ में उस वेस्ट को लें और उसकी स्माइल करें अगर उसमें से गोबर की बदबू आ रही है तो इसका मतलब यह है कि वह भी तैयार नहीं है जब उसमें से गोबर की बदबू खत्म हो जाए और मिट्टी जैसी खुश्बू आने लगे तो इसका मतलब है आप की जो खाद है वह तैयार हो चुकी है 
आइए जानते हैं की एक गमले में हमें कब कब और कितना कितना खाद डालना चाहिए दोस्तों अगर आप जैविक खाद यूज कर रहे हैं यदि कंपोस्ट खाद जो पेड़ पत्तों के झड़ने से बनती है तो आप हर गमले में हर हफ्ते एक से दो बड़े चम्मच खाद को बोलिएगा हां ध्यान रखें कि इस प्रोसेस को आप को रेगुलर करना है हर हफ्ते इस से आप के पेड़ पौधे बहुत ही हष्ट पुष्ट और खुश रहेंगे कुछ लोग गमले में एक ही बार खाद को डालकर छोड़ देते हैं फिर उनको लगता है कि दोबारा डालने की जरूरत नहीं है लेकिन नहीं ऐसा नहीं होता जिस प्रकार आप एक ही दिन 10 रोटी जीवित नहीं रह सकते आपको रोज के रोज दो तीन रोटी खानी है ताकि आपकी ऊर्जा बनी रहे और आपकी सेहत बनी रहे उसी प्रकार पेड़ पौधों को भी हर हफ्ते खाद की जरूरत पड़ती है एनर्जी की जरूरत पड़ती है प्रोटीन की जरूरत पड़ती है मिनरल्स की जरूरत पड़ती है इसलिए ध्यान रखिए हमें रेगुलर यानी रूटीन में हर हफ्ते एक से दो बड़ी चम्मच खाद पौधों में डालना है आइए आप जानते हैं केमिकल खाद के बारे में 

केमिकल फ़र्टिलाइज़र क्या होता है दोस्तों केमिकल फ़र्टिलाइज़र वह फ़र्टिलाइज़र है जो मैन मेड है यानी कि जिसे इंसान ने बनाया है जो केमिकल से बना हुआ है जैसे फास्फोरस पोटाश कैल्सियम आदि दोस्तों जब हम ऑर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र यानी जैविक खाद का प्रयोग करते हैं तो वह थोड़ा ज्यादा या कम डालने से  पौधों पर कोई दुष प्रभाव नहीं पड़ता ।
खाद की सही मात्रा
मगर जब हम केमिकल फर्टिलाइजर यूज करते हैं तो हमें बहुत ही ध्यान देने योग्य बातें यह होती है कि उसकी मात्रा ज्यादा न डल  जाए अगर आप केमिकल फ़र्टिलाइज़र को सही तरीके से यूज करते हैं तो इससे पौधों में बहुत ही अच्छी ग्रोथ  होती है बहुत ही चमत्कारी रिजल्ट सामने आता है लेकिन अगर आप इसकी मात्रा को गलत तरीके से यूज कर रहे हैं या  ज्यादा मात्रा में यूज कर रहे हैं तो आप के पौधे जल  सकते हैं मिट्टी खराब हो सकती है आपके गमले की मिट्टी बंजर हो सकती है और उससे उत्पादित सब्जियां जहरीली हो सकती हैं इसलिए मैं किसी को भी रिकमेंड नहीं करूंगा केमिकल फर्टिलाइजर यूज करने के लिए । लेकिन कुछ लोग तुरंत रिजल्ट चाहते हैं तो उनके लिए केमिकल फ़र्टिलाइज़र ठीक है फ्लॉवरिंग  के लिए ठीक है तो आइए जानिए केमिकल फ़र्टिलाइज़र को कितनी मात्रा में गमले में डाला जाए 

पहला है पोटेशियम 

इससे हमारे प्लांट की ग्रोथ बढ़ेगी पत्ते ग्रीन होंगे फ्लावर अच्छे आएंगे रूट्स डेवलप होंगे 
फ्लावरिंग भी अच्छी होगी इसको गमले में कितना डालें दोस्तों एक गमले में इसके 4 से 5 दाने डालने चाहिए और जड़ों से थोड़ा दूर रखना चाहिए। 

दूसरा है MPk  फ़र्टिलाइज़र 

दोस्तों यह एक पाउडर के रूप में होता है हम इसे पानी में मिक्स करके पौधों के पत्तों पर या पौधों के स्प्रे भी कर सकते हैं नहीं तो गमले में एक से दो चम्मच पानी में मिलाकर वही पुराने तरीके से 15 से 20 दिन में यह हफ्ते में डाल सकते हैं इससे पौधों के पत्तों में चमक आती है कीड़े नहीं लगते बीमारियां कम होती हैं 

तीसरा है डीएपी 

फ़र्टिलाइज़र दोस्तों इस फ़र्टिलाइज़र को हम गमले में 6 से 7 दाने  डालेंगे और इसे भी हर 15 दिन बाद हमें रेगुलर देना है

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